गूगल टेक्नोलॉजी में नए आयाम स्थापित कर रहा है। दुनिया में नए इनोवेशन का समय चल रहा है। गूगल ने अपनी एक नई टेक्नोलॉजी का परीक्षण किया है। यह टेक्नोलॉजी है बिना ड्राइवर की कार। जी हां आपने सही सुना ,हम बात करने जा रहे है ऐसी कार के बारे में जो बिना ड्राइवर के चलेगी। गूगल ने इसकी टेस्टिंग भी कर ली है। बहुत जल्द यह आम लोगो के लिए उपलब्ध होगी।
गूगल की इस सेफ ड्राइविंग कार के प्रोजेक्ट हेड क्रिस उमर्सन के मुताबिक यह कार बहुत जल्द सड़कों पर दौड़ती मिलेगी।
गूगल ऐसी तकनीक विकसित करने में लगा है जिससे बिना स्टीयरिंग और ड्राइवर के कई किलोमीटर तक का सफर बिना किसी रुकावट के कर सकते है आप कार के कंप्यूटर में अपना गंतव्य स्थान,रफ़्तार आदि पहले से ही फीड कर सकते है।
गूगल के इस सॉफ्टवेयर को गूगल सोफर नाम दिया गया है। इस तकनीक को सेल्फ ड्राइविंग कार तकनीक की संज्ञा दी गयी है। इस कार में स्टीयरिंग,रेस पैडल,ब्रेक जैसी कोई भी व्यवस्था नहीं की गई है। 2009 में गूगल ने अपने इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी। 2013 में गूगल ने अपनी पहली ड्राइवर रहित कार दुनिया के सामने प्रेजेंट की थी। इसे रोबो टैक्सी का नाम दिया गया था।
गूगल ने इस तकनीक की टेस्टिंग 10 कारो के साथ की थी। इन कारो में टोयोटा,ऑडी और लेक्सस जैसी ब्रांड कारे थी। ये कारे नक़्शे के हिसाब से चलती थी। इनकी रफ़्तार ट्रैफिक के अनुसार होती थी। कार में लगे सेंसर, कार को दूसरी कारो से समान दुरी पर चलाते है।
गूगल ने इस तकनीक की टेस्टिंग 10 कारो के साथ की थी। इन कारो में टोयोटा,ऑडी और लेक्सस जैसी ब्रांड कारे थी। ये कारे नक़्शे के हिसाब से चलती थी। इनकी रफ़्तार ट्रैफिक के अनुसार होती थी। कार में लगे सेंसर, कार को दूसरी कारो से समान दुरी पर चलाते है।
गूगल की यह कार केसी होगी -
- गूगल की यह कार 2 सीटर है। इसमें न तो स्टीयरिंग व्हील है और न ही रेस पैडल है।
- इसमें ब्रेक भी नहीं दिए गये है। इसमें कण्ट्रोल कैमरा,लेसर स्केनर भी दिए गये है।
- कार का आगे का हिस्सा फोम मेटेरियल से तैयार किया गया है जिससे पैसेंजर को सेफ्टी रहे। कार में जीपीएस सिस्टम और इलेक्ट्रॉनिक सेंसर भी लगे हुए है जो कार को ट्रैक करते है।
- कार के कंप्यूटर में प्रॉसेसर लगा हुआ है जो डाटा को रीड करता है और प्रोसेस करता है। डाटा के अनुसार कार को चलाता हैं।
- इसमें एक मैप भी लगा हुआ होता है जो एक्यूरेट मैपिंग करता है। यह कार 25 मील प्रति घण्टा की रफ़्तार से चलती है।
- कार को इस तरीके से बनाया गया है कि पैसेंजर को कम झटके लगे और आरामदायक यात्रा हो।
- इसमें इस तरीके का सिस्टम है कि अगर कभी स्टीयरिंग सिस्टम फेल हो जाता है तो इमरजेंसी स्टोप बटन दबा कर कार रोकी जा सकती है।
- गाडी को स्टार्ट करने के लिए स्टार्ट बटन होता है और रोकने के लिए लाल रंग का स्टॉप बटन होता है।
- कार का कण्ट्रोल एक स्मार्टफोन के जरिये होता है। पैसेंजर के सामने एक स्क्रीन होती है जिस पर मौसम की जानकारी, रोड मैप और गाडी की रफ़्तार देखी जाती है।
- यह कार ट्रैफिक में भी आसानी से ऑटो ड्राइव की जा सकती है।
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