Tuesday, February 7, 2017

रेणुका आराध्य - एक भिखारी के करोडपति बनने की कहानी : Inspirational Success Story Of Renuka Aradhya In Hindi

inspirational stroy of renuka ji

दोस्तों आज हम आपको एक ऐसे इंसान की कहानी बताने जा रहे है जो कभी घर घर जाकर भीख मांगता था वो इंसान आज अपनी मेहनत और लगन से 30 करोड़ की कंपनी का मालिक बन गया हैl

The Success Story Of Renuka Aradhya In Hindi-

रेणुका जी यह कहानी है रेणुका आराध्य की जो आज खुद का बड़ा Business खड़ा कर चुके हैl रेणुका जी एक छोटे से गॉव के रहने वाले थे l बच्चपन में ही उन पर पूरे परिवार की जिम्मेदारी आ गयी थी l इसलिए अपना घर चलाने के लिए तरह तरह के काम किये जैसे की एक प्लास्टिक बनाने वाली कंपनी में मजदुर के तरह काम किया और मात्र 600 रुपये के लिए Security Guard की नोकरी भी की लेकिन वो कुछ बेहतर करना चाहते थे इसलिए उन्होंने घर घर जाकर बैग और सुटकेस के कवर सिलने का काम शुरू किया परन्तु इस में उन्हें 20000 रूपये का नुकसान हुआ फिर भी उन्होंने हार नही मानी और सब कुछ छोड़कर टैक्सी ड्राईवर बनने का फैसला किया l उनके पास ड्राईवरी सिखने के भी पैसे नही होने के कारण अपनी शादी की अंगूठी को बेचकर ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त किया और एक टैक्सी कंपनी में ड्राईवर की नौकरी करने लगे। 
रेणुका को लगा की अब सब कुछ ठीक हो जायेगा और उनकी सारी Problems दूर हो जाएगी लेकिन किस्मत ने उन्हें एक और झटका दिया जब एक छोटे से Accident की वजह से उन्हें अपनी नौकरी से निकाल दिया गया। इसके बाद दूसरी कंपनी में उन्हें एक और मोखां दिया लेकिन बदले में रेणुका को कुछ दिन बिना पैसे लिए काम करना पड़ा। वह दिनभर काम करते और रात को जागकर टैक्सी चलाने का अभ्यास करते। वह अपने Passengers का बहुत ध्यान रखते थे और बहुत ही सुरक्षित टैक्सी चलाते थे इस कारण उन की मांग बढने लगी वह टैक्सी के साथ साथ हॉस्पिटल से लाशो को घर पहुचाने का काम भी करते थे।
रेणुका जी कहते है की यात्रियो को घर तक छोड़ने और उसके तुरंत बाद लाशो को उनके घर छोड़ने से मुझे एक सीख मिली की जिंदगी और मौत एक लंबी यात्रा के दो किनारे है। इसलिए यदि आपको सफल होना है तो किसी भी मोके को जाने मत दो। 

रेणुका पहले तो चार साल कंपनी में काम करते रहे और उसके बाद वह उस कंपनी को छोड़ दूसरी Travel कंपनी में चले गए जहाँ उन्हें विदेशी यात्रियों को घुमाने का मौका मिला। वहा पर उन्हें विदेशी यात्रियों द्वारा Dollar में टिप मिलती थी


story of Renuka Aradhya

इसके बाद उन्होंने अपनी पत्नी की PF की मदद से और कुछ लोग के साथ मिलकर "सिटी सफारी" City Safari नाम की एक ट्रेवल कंपनी खोली और इसी कंपनी में वो आगे चलकर मैनेजर बन गए। इतने से ही वो नहीं थमे और आगे चलकर रेणुका ने लोन पर इंडिका कार खरीदी ओर इसके मात्र 18 महीने बाद ही एक और इंडिका कार खरीद ली। इन कारो की मदद से 2 वर्षो तक स्पोर्ट सिटी टैक्सी में काम किया। पर उन की मंजिल अभी दूर थी वो अपनी ट्रेवल कंपनी खोलना चाहते थे। 

वो कहते है ना कि किस्मत भी उन्ही का साथ देती है जिनके हौसले और इरादे बुलन्द होते है। ऐसा ही अवसर रेणुका को मिला जब उन्हें पता चला की "इंडियन सिटी टैक्सी" Indian City Texi नाम की कंपनी बिकने वाली है। 2006 में रेणुका ने इस कंपनी को 6.5 लाख रूपये में खरीद लिया जिसके लिए उन्हे अपनी सभी कारो को बेचना पड़ा और इस कंपनी का नाम बदलकर "प्रवासी कैब्स" Pervasi Cab रख दिया इसके बाद तो फिर वह सफलता की ओर बढ़ते चले गए। 

इस फैसले के बारे में उन्होंने कहा की "मैंने अपनी जिंदगी का सबसे बड़ा रिस्क लिया पर वही Risk आज मुझे कहा से कहा लेकर आ गया"। 
सबसे पहले रेणुका की कंपनी को E- Commerce Site  Amazon इंडिया ने प्रमोशन के लिए चुना, बाद में कई बड़े ब्रांड जैसे Walmart,General Motors, Akamai इनकी कंपनी से जुड़ गए। उसके बाद रेणुका ने कभी पीछे मुड़कर नही देखा। रेणुका की कंपनी इतनी मजबूत हो गयी की Ola, Uber जैसी कंपनियों के मार्केट में आ जाने से पर भी रेणुका जी की कंपनी सफलता की ओर बढ़ती रही और आज रेणुका की कंपनी में 1000 से भी ज्यादा गाड़िया चलती है। 
आज वो तीन स्टार्टअप के डायरेक्टर है और 30 करोड़ की  कंपनी के मालिक है। उनको अगले तीन वर्षों में 100 करोड़ के आंकड़े को छूने की उम्मीद है। 
तो दोस्तों कौन सोच सकता था की बचपन में घर घर जाकर भीख मांगने वाला बच्चा बड़ा होकर 30 करोड़ की  कंपनी का मालिक बनेगा। इसलिए ही तो कहा है की हौसला और मेहनत इंसान को उसका मनचाहा मुकाम देती है। 

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